नोएडा प्राधिकरण के नये मुख्य भवन का अंतहीन निर्माण और तुगलकी फरमान

राजेश बैरागी।नइतिहास में अपनी सनक और परस्पर विरोधी निर्णयों के लिए प्रसिद्ध मुहम्मद बिन तुगलक यदि आज जीवित होता तो क्या कर रहा होता?मेरा अनुमान है कि उसकी चारित्रिक विशेषता से मेल खाता एक ही काम हो सकता है और वह है नोएडा प्राधिकरण का सेक्टर 96 में बन रहा नया और स्थाई कार्यालय। तीन अरब रुपए से अधिक लागत की यह महत्वाकांक्षी परियोजना अधिकारियों की घोर लापरवाही,सनक और परस्पर विरोधी निर्णयों के चलते पूरा होने का नाम नहीं ले रही है। दिलचस्प बात यह है कि यह इमारत अभी पूरी तरह तैयार नहीं है और मुख्यमंत्री से इसका उद्घाटन करने के लिए प्राधिकरण ने बाकायदा पत्र भेजकर समय मांगा है।
नोएडा प्राधिकरण के सेक्टर 96 में बन रहे नये और स्थाई कार्यालय का निर्माण कार्य कब पूरा होगा?यह कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट लायक प्रश्न हो या न हो परंतु नोएडा प्राधिकरण के किसी अधिकारी के पास अभी इसका कोई भरोसेमंद जवाब नहीं है।5 जनवरी 2016 से बन रही इस महत्वपूर्ण इमारत का निर्माण कार्य पूर्व ठेकेदार प्रतिभा इंडस्ट्री लिमिटेड को ब्लैकलिस्ट करने के कारण दो वर्ष तक बंद भी रहा है। तीन अरब चार करोड़ रुपए से बन रहे इस भवन को पूर्व ठेकेदार ने जिस लापरवाही से बनाया वह भी एक मिसाल हो सकती है। दो टावरों में बन रही इस इमारत की छतों,पिलर व बीमों के बीच कोई तालमेल नहीं है। ढांचा निर्माण के दौरान निर्माण कार्य की निगरानी कर रहा प्राधिकरण का अभियांत्रिकी विभाग कहां सो रहा था, कौन जा सकता है। परंतु जब आंख खुली तो छत,बीम और पिलरों की स्वतंत्र सत्ता को देखकर सभी चकरा गए। तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने ठेकेदार फर्म को ब्लैकलिस्ट करने के बाद दो वर्ष तक इसे हाथ नहीं लगाया।11 अक्टूबर 2022 को एक नयी ठेकेदार फर्म एस टी कंस्ट्रक्शन के साथ प्राधिकरण ने शेष और बिगड़े हुए काम को कराने का अनुबंध किया।आज उस अनुबंध को पूरे तीन वर्ष हो गए हैं परंतु प्राधिकरण के मुख्य कार्यालय की यह इमारत बनकर तैयार नहीं है। इस इमारत को अंतिम रूप देने में अभी भी नये नये प्रयोग और आविष्कार किए जा रहे हैं। प्रोद्योगिकी संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की सलाह पर बीम पिलर और छतों के बीच रेट्रोफिटिंग की जा रही है।साज सज्जा के लिए फाल्स सीलिंग बार बार उखाड़ी जा रही है। छठे और सातवें तल पर मुख्य कार्यपालक तथा अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के कक्षों को बड़ा करने और उनमें फर्नीचर लगाने को लेकर चकल्लस हो रही है।488 लोगों के बैठने की क्षमता वाले प्रेक्षागृह (ऑडीटोरियम) की पहले लगाई गई सभी कुर्सियां रंग पसंद न आने के आरोप में उखाड़कर फेंक दी गई हैं।अब नयी कुर्सियां लगाई जाएंगीं। इस बदलाव को देखकर मुहम्मद बिन तुगलक की याद आना स्वाभाविक है। हालांकि पहले लगाई गई कुर्सियां भी अधिकारियों की पसंद के रंग की ही थीं। कार्यालय भवन के आगे प्रथम तल पर गाड़ियां पहुंचाने के लिए बनाए गए रैंप के ऊपर (पोर्श) पर एक छातानुमा आकृति बनाए जाने का नया फरमान जारी हुआ है। बिजली फिटिंग का काम सिविल कार्य अधूरा होने के चलते और भी पीछे चल रहा है तो सिविल कार्य अधिकारियों के नित नए बदलाव के फरमानों से पूरा नहीं हो पा रहा है। निचले अधिकारी मुख्यमंत्री से समय मिलते ही उद्घाटन कराने का दम तो दिखाते हैं परंतु बिल्डिंग कब पूरी होगी,यह बताने को तैयार नहीं होते। छः महीने पहले 96 प्रतिशत कार्य पूरा होने का दावा किया गया था, शेष चार प्रतिशत काम पूरा नहीं हो पा रहा है।उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव और नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष दीपक कुमार प्राधिकरण के नये कार्यालय की लंबे समय से निर्माणाधीन इमारत की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करने के लिए कल शनिवार को नोएडा पधार रहे हैं।माना जा रहा है कि उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री के आगमन से पहले अपर मुख्य सचिव की यह समीक्षा बैठक हो सकती है

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