सब रजिस्ट्रार कार्यालय: ऑनलाइन सिस्टम सुस्त, क्रेता विक्रेता, कर्मचारी पस्त

राजेश बैरागी।ग्रेटर नोएडा के गामा स्थित सदर सब रजिस्ट्रार कार्यालय में शनिवार को एक मित्र के दस्तावेज का पंजीकरण कराने के लिए मुझे दो घंटे से अधिक समय लगा।इसकी वजह यह नहीं थी कि दस्तावेज बहुत लंबा चौड़ा या पेचीदा था। दरअसल उत्तर प्रदेश के सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में लखनऊ से नियंत्रित ऑनलाइन पंजीकरण सिस्टम पिछले कुछ दिनों से पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। यह सिस्टम बामुश्किल चल पा रहा है। जिस दस्तावेज का पंजीकरण एक मिनट या उससे भी कम समय में हो जाना चाहिए, उसके लिए एक से दो ढाई घंटे तक लग रहे हैं। सिस्टम को संचालित करने वाली राष्ट्रीय एजेंसी एन आई सी भी सिस्टम को दुरुस्त नहीं कर पा रही है। सिस्टम दुरुस्त करने के बजाय सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में दस्तावेजों के पंजीकरण का समय एक घंटा बढ़ा दिया गया है। हालांकि शनिवार शाम से समूचा सिस्टम बंद कर उसे दुरुस्त करने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है।साथ ही समूचे उत्तर प्रदेश के सब रजिस्ट्रार कार्यालयों को पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो भागों में बांट दिया गया है। यह भी आशंका है कि अगले एक दो दिन सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में कामकाज ठप्प रहे।अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समूचे उत्तर प्रदेश में 458 उपनिबंधक (सब रजिस्ट्रार) कार्यालय संचालित हैं। इनमें सरकारी और आउटसोर्स कार्मिकों की संख्या लगभग तीन हजार है। प्रतिदिन समूचे उत्तर प्रदेश में पंजीकृत होने वाले दस्तावेजों की संख्या भी हजारों में होती है। इससे सरकार को प्रतिदिन करोड़ों रुपए राजस्व मिलता है। सिस्टम ठप्प जैसा होने के कारण दस्तावेज पंजीकृत कराने आने वाले लोग अपनी बारी आने को दांव लगने जैसा मानते हैं जबकि सब रजिस्ट्रार कार्यालयों के कर्मचारी सिस्टम आगे बढ़ता देखने के लिए अपना सिर धुनते रहते हैं

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