राजेश बैरागी।मैंने आज एक भाजपाई को मुख्यमंत्री के द्वारा भेजा गया दीपावली उपहार प्राप्त करते हुए देखा। किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता को अपने शीर्ष नेता के द्वारा उपहार भेजा जाना न केवल उस कार्यकर्ता के महत्व को दर्शाता है बल्कि उसके प्रभाव में भी वृद्धि करता है। हालांकि यह गंगा के वापस हिमालय पर चढ़ने जैसा है। सत्तारूढ़ और गैर सत्तारूढ़ दलों के नेताओं द्वारा उपहार लिए जाते हैं,दिये नहीं जाते। यदि ऐसा होता है तो उसके पीछे बहुत सी रोचक कहानियां हो सकती हैं। मसलन छोटे नेता द्वारा बड़े नेता की मान-मनौव्वल से यह प्राप्त किया गया हो सकता है। इसके लिए कोई बड़ी कीमत भी चुकाई हो सकती है और यह भी हो सकता है कि बड़े नेता के द्वारा वास्तव में उपहार भेजा ही न गया हो। पुलिस विभाग में गुड वर्क अर्थात किसी बड़े मामले के खुलासे पर या किसी बड़े अपराधी को मार गिराने पर ऐसा कारनामा करने वाली पुलिस टीम को बड़े अधिकारी द्वारा पुरस्कृत करने की परंपरा है। यह परंपरा अंग्रेजी हुकूमत के समय से चली आती है जब उस अत्याचारी हुकूमत को चुनौती देने वाले क्रांतिकारियों को गद्दारों की मुखबिरी पर अंग्रेजों की पुलिस तथाकथित मुठभेड़ में मारकर इनाम की हकदार हो जाती थी। अपने ही लोगों की हत्या करने के लिए पुलिस को उत्साहित रखने की अंग्रेज़ो की यह नीति बड़ी कारगर थी।अब भी कुछ विशेष नहीं बदला है। पुलिस मुठभेड़ और मामलों को उजागर करने के बदले इनाम पाती है। कभी आपने पुलिस पार्टी को अपने सामने इनाम पाते देखा है? पुरस्कार की घोषणा होती है और पुलिस टीम को पुरस्कृत होने का प्रमाण पत्र मिलता है। यह प्रमाण पत्र पाने के लिए पुलिस टीम को वरिष्ठ अधिकारी की न जाने कैसी-कैसी सेवा करनी पड़ती है। यह प्रमाण पत्र पुलिस टीम के सामान्य और बिना बारी के प्रोन्नति में बड़ा काम आता है।राजनीति में बड़े नेता से उपहार हासिल करना भी कुछ ऐसा ही है। मैं उस भाजपाई को मुख्यमंत्री से उपहार प्राप्त होने के लिए हार्दिक बधाई देता हूं।उसे प्राप्त उपहार की विश्वसनीयता यह है कि यह उपहार उसे एक सरकारी कर्मचारी के हाथों प्राप्त हुआ है








Leave a Reply