राजेश बैरागी।पच्चीस वर्षों से अपना वजूद स्थापित करने में जुटे यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) को इसी माह जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन से ऊंची उड़ान मिलने की पूरी संभावना है परंतु गौतमबुद्धनगर से आगरा तक फैले इस प्राधिकरण क्षेत्र के पहले चरण में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना कराना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है। तीन हजार से अधिक औद्योगिक भूखंडों का आवंटन होने के बावजूद केवल 15 फैक्ट्रियां ही वर्तमान में चल रही हैं। शहर बसाने,लाखों लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने तथा उत्तर प्रदेश की आर्थिकी में योगदान देने के लिए प्राधिकरण ने पांच महत्वपूर्ण औद्योगिक पार्कों को तेजी से विकसित करने के लिए प्रत्येक पार्क पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के साथ अगले एक वर्ष में अधिकांश औद्योगिक इकाइयों को चालू कराने का लक्ष्य तय किया है।
आम धारणा है कि कोई भी नया नगर बीस वर्षों में विकसित हो पाता है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा विकसित किए जा रहे 165 किलोमीटर लंबे नगर के प्रथम चरण को विकसित करने में ही अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है जबकि प्राधिकरण को स्थापित हुए छब्बीसवां साल चल रहा है। प्राधिकरण द्वारा सभी प्रकार के भूखंड मसलन आवासीय, ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक, संस्थागत तथा व्यवसायिक भूखंडों का बड़ी संख्या में आवंटन किया गया है। तीन हजार से अधिक (अभी तक कुल 3109) औद्योगिक भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं।आठ विशेष औद्योगिक पार्कों की रूपरेखा तैयार की गई है। इनमें से महत्वपूर्ण पांच विशेष औद्योगिक पार्क यथा अपैरल पार्क,टॉय पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क,एम एस एम ई पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क में हजार एकड़ से अधिक भूमि पर 1041 औद्योगिक भूखंड आवंटित किए गए हैं। औद्योगिक इकाइ लगाने के इच्छुक लोग और कंपनियां विदेशों तक से आ रहे हैं परंतु वास्तव में फैक्ट्री लगाने वालों का अभाव बना हुआ है। कुछ स्थानों पर भूमि अधिग्रहण न होने जैसी समस्याएं हैं परंतु तीन हजार से अधिक आवंटित औद्योगिक भूखंडों में से मात्र 15 भूखंडों पर ही फैक्ट्री चालू हो पाई हैं। इसी नवंबर माह में बहुप्रतीक्षित एशिया के सबसे बड़े ग्रीनफील्ड नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन होना तय है। इससे यमुना प्राधिकरण क्षेत्र को ऊंची उड़ान हासिल होने की पूरी संभावना है। नोएडा से आगरा तक एक्सप्रेस-वे पहले ही इस क्षेत्र की जीवनरेखा बन गया है। और भी कई हाइवे तथा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे भी यमुना प्राधिकरण क्षेत्र से गुजर रहे हैं या गुजरने वाले हैं। मेट्रो और रैपिड रेल भी हवाई अड्डे तक प्रस्तावित है। ऐसे में औद्योगिक गतिविधियों को पंख लगाने के लिए यमुना प्राधिकरण ने भी कमर कस ली है।आज मंगलवार को साप्ताहिक समीक्षा बैठक के बाद प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने पांचों विशेष औद्योगिक पार्कों को तेजी से आबाद करने के लिए प्रत्येक औद्योगिक पार्क के लिए एसडीएम, एडीएम स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया। ये अधिकारी पार्कों के विकास, मूलभूत सुविधाओं, भूमि संबंधी समस्याओं को तो प्राथमिकता पर सुलझाएंगे ही, आवंटियों के साथ भी वन-टू-वन वार्तालाप कर उन्हें औद्योगिक इकाइ स्थापित करने के लिए प्रेरित करेंगे। श्री सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि दिसंबर 2026 तक सभी औद्योगिक पार्कों को अधिकतम आबाद करने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। आवंटियों की समस्याओं का प्राथमिकता पर समाधान किया जाएगा। इसके बावजूद फैक्ट्री लगाने में हीलाहवाली करने वाले लोगों के भूखंडों को निरस्त किया जाएगा। इसमें भी सबसे पुराने और बड़े भूखंडों को सबसे पहले निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि भूखंड निरस्त करना प्राधिकरण का उद्देश्य नहीं है। प्राधिकरण का सर्वोच्च प्रयास क्षेत्र को विकसित करने के साथ उसे आबाद करना है
यीडा:पच्चीस साल में मात्र 15 फैक्ट्रियां,आगामी एक साल में एक हजार से अधिक फैक्ट्री चालू कराने को कसी कमर








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