राजेश बैरागी।28 फरवरी 2023 को गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बनकर आए आईएएस मनीष कुमार वर्मा ने इस जनपद के जिलाधिकारी पद को जैसे पुनर्जीवित किया। उनसे पहले यह पद लगभग पैंतीस महीने तक खाली तो नहीं था परंतु जिलाधिकारी शून्य जैसा था। दरअसल 31 मार्च 2020 को सुहास एल वाई ने जब यहां जिलाधिकारी पद संभाला,तब कोराना का संकट आ चुका था। जिला प्रशासन कुछ व्यवस्थाओं को संभालने के साथ इस बात पर पूरा जोर लगा रहा था कि कोरोना से मृतकों की वास्तविक संख्या नहीं बढ़नी चाहिए। दो वर्ष तक ऐसे ही हालात रहे। पेशेवर पैरालंपिक खिलाड़ी सुहास एल वाई के लिए यह स्थिति कमोबेश अच्छी ही थी। उन्होंने अपने दायित्व मातहत अधिकारियों पर डालकर अपना बैडमिंटन का अभ्यास जारी रखा। उनसे ठीक पहले बृजेश नारायण सिंह जैसे कर्तव्यनिष्ठ जिलाधिकारी यहां रह चुके थे। लिहाजा नागरिकों के लिए सुहास एल वाई का कार्यकाल जिलाधिकारी विहीन कार्यकाल जैसा सिद्ध हुआ। मनीष कुमार वर्मा ने इस स्थिति को कार्यभार संभालने के साथ ही पलट दिया। उन्होंने प्रतिदिन जनता दर्शन की व्यवस्था की। कमिश्नरेट पुलिस पर सीधा नियंत्रण न होने के बावजूद फरियादियों के लिए पुलिस अधिकारियों से निजी तौर पर सिफारिश करने से असंख्य लोगों को राहत हासिल हुई। उनसे मिलकर जाने वाले फरियादियों के चेहरों पर संतोष का भाव स्पष्ट रूप से पढ़ा जा सकता था।सरल सहज स्वभाव और आईएएस अधिकारी की हनक से दूर मनीष कुमार वर्मा कार्यालय समय के अलावा अपने प्रशासनिक दायित्वों का भी पूरा निर्वाह करते थे। उन्होंने सरकारी विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए अनेक विद्यालयों का दौरा किया। उनकी योजना जनपद में बालक और बालिका इंटर कॉलेजों की तर्ज पर और कई विद्यालय खुलवाने के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने की थी। उन्होंने किसी को नाराज होने का अवसर नहीं दिया। उन्होंने किसी को अपना दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी।(
निवर्तमान जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर मनीष कुमार वर्मा: एक रिपोर्ट









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