जिलाधिकारी ने की जगत फार्म ग्रेटर नोएडा की विवादित मॉडल शॉप निलंबित, आबकारी निरीक्षक को भी काम से हटाया

चार दिन पहले ओवररेटिंग के मामले में आबकारी निरीक्षक और सेल्समैन के विवाद में ग्रेटर नोएडा के जगत फार्म स्थित शराब मॉडल शॉप को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने निलंबित करते हुए मॉडल शॉप मालिक से एक सप्ताह में जवाब तलब किया है। जवाब न देने अथवा उचित जवाब न देने पर पर दुकान निरस्त की जाएगी। इसके साथ ही आबकारी विभाग द्वारा विवादित निरीक्षक को अघोषित रूप से फिलहाल निरीक्षण कार्य से दूर रहने को कहा गया है। ग्रेटर नोएडा के जगत फार्म स्थित श्रीमती सुमन नारंग पत्नी देव प्रकाश को आवंटित शराब की मॉडल शॉप (शॉप आईडी 10562) पर सेल्समैन वर्सेज आबकारी निरीक्षक विवाद में दिलचस्प घटनाएं होना जारी है।

उल्लेखनीय है कि चार दिन पहले आबकारी विभाग द्वारा गोपनीय जांच के दौरान हंगामा खड़ा हो गया था। विभाग को शिकायत मिली थी कि उक्त दुकान पर शराब निर्धारित दरों से अधिक दर पर बेची जा रही है। विभाग का दावा है कि जांच के दौरान आरोप सही पाए जाने पर दुकान पर मौजूद सेल्समैन द्वारा आबकारी निरीक्षक के साथ अभद्रता की गई। इसपर दोनों पक्षों में मारपीट हो गई जिसमें सेल्समैन को चोटें आईं। जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार ने सूचना मिलने पर तत्काल सेल्समैन को इलाज के लिए एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया। विभाग ने घटना की जांच शुरू की परंतु अगले दिन सेल्समैन के समर्थन में सैकड़ों लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर आबकारी निरीक्षक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की। दिलचस्प तथ्य यह है कि घटना में शामिल सेल्समैन के साथ ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की दुकानों पर कार्यरत अनेक सेल्समैन इस धरना प्रदर्शन में शामिल थे। उनके साथ कुछ स्थानीय छुटभैये नेताओं ने ताल ठोंकी थी। इससे ग्रेटर नोएडा में शराब के धंधे में सरकार की नीति के विरुद्ध एक या एक से अधिक सिंडिकेट के अस्तित्व में आने के संकेत मिले हैं।

बताया गया है कि प्रदर्शन करने वाले अधिकांश सेल्समैन महंगें ब्रांडेड कपड़े पहने हुए थे जबकि शराब सेल्समैन की तनख्वाह मात्र दस-बारह हजार रुपए होती है।धरना प्रदर्शन के जरिए ओवररेटिंग के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे शराब सिंडिकेट को दुकान निलंबित कर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कड़ा संदेश दिया है। सूत्रों के अनुसार दुकान का लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है। इसके साथ ही जोश में होश खोने वाले आबकारी निरीक्षक के कृत्य की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देने के साथ उसे काम से दूर कर दिया गया है।

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