75 बरस के बूढ़े या 75 बरस के जवान

राजेश बैरागी।वृद्ध होने की प्रमाणित आयु क्या है? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल शनिवार को छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में एक चिकित्सालय में बच्चों के बीच पहुंचकर इस प्रश्न पर बहस को जन्म दे दिया है। श्री मोदी नवा रायपुर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में ऐसे ढाई हजार बच्चों से मिलने पहुंचे थे जो जन्मजात हृदय रोगों का इलाज करा रहे हैं। उन्होंने वहां एक ऐसी बच्ची से बात करते हुए कहा कि जब तुम डॉक्टर बनोगी तब तक हम बूढ़े हो जाएंगे। क्या तुम हमारा भी इलाज करोगी?उस बच्ची की छः महीने पहले ही हृदय की शल्यक्रिया हुई है और उसकी इच्छा डॉक्टर बनने की है। बच्ची ने तो उत्साह से सभी का इलाज करने की बात कही परंतु प्रधानमंत्री मोदी के 75 वर्ष पूरा कर लेने के बावजूद बूढ़ा न होने को लेकर बहस छिड़ गई है। स्वयं भाजपा ने अपने 75 वर्ष पूरे करने वाले नेताओं को चुनाव न लड़ाने और मार्गदर्शक मंडल में भेजने के अतिरिक्त अन्य कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी न देने का नियम लागू कर रखा है। हालांकि इस नियम से स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुक्त हैं। प्रधानमंत्री को छोड़कर भाजपा अपने अन्य नेताओं को 75 वर्ष का होने पर बूढ़ा होना स्वीकार करती है। यदि ऐसा नहीं होता तो बहुत से भाजपाई पुरोधा आयु को मात्र एक संख्या मानकर अभी भी देशसेवा में अपना अतुलनीय योगदान दे रहे होते। तो क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अभी भी जवान हैं? इससे मिलता-जुलता प्रश्न यह भी है कि क्या प्रधानमंत्री ने अपने बूढ़े होने के लिए आयु की कोई और सीमा तय कर रखी है? टीवी और समाचार पत्रों में एक टॉनिक की विशेषता बताने के लिए प्रदर्शित होने वाले विज्ञापन में यह प्रश्न पूछा जाता है कि 60 बरस के बूढ़े या 60 बरस के जवान? सरकार अपने कर्मचारियों को 60 वर्ष पूरे होने पर सेवानिवृत्त कर देती है।हालांकि सनातन हिंदू धर्म के मतानुसार मनुष्य की आयु को 100 बरस मानते हुए 75 वर्ष पूरे होने पर सभी को वन गमन करने की व्यवस्था दी गई है। मार्गदर्शक मंडल उसी वन गमन की आधुनिक व्यवस्था है। प्रधानमंत्री ने नवा रायपुर में इस व्यवस्था को खारिज कर दिया है। इससे 75 पार कर चुके बहुत से बूढ़ों में जवानी लौट सकती है

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