राजेश बैराग।जैसे किसी खाली स्थान को भरने के लिए वायु और जल वेग से उधर दौड़ते हैं, वैसा ही हाल आजकल यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यीडा का है। एक जुलाई को कार्यभार संभालने वाले नये मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह के लिए अभी प्राधिकरण की संचालित और प्रस्तावित गतिविधियों को पूरी तरह जानना शेष है और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि तथा तथाकथित किसान नेता, समाजसेवी उनसे निकटता बढ़ाने के लिए दिनभर प्राधिकरण में डेरा जमाए रहते हैं। हालांकि जनप्रतिनिधि भी जनता की समस्याओं को लेकर ही उनसे मिलने आते होंगे, ऐसा माना जा सकता है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसे के अधिकारी माने जाने वाले राकेश कुमार सिंह वैसे तो गौतमबुद्धनगर जनपद के चप्पे-चप्पे से परिचित हैं।वो यहां उपजिलाधिकारी सदर तथा नगर मजिस्ट्रेट रह चुके हैं। उनकी कार्यशैली अपनी जिम्मेदारियों को निर्धारित समय में पूरा करने की रही है। चार्ज संभालने के तत्काल बाद उन्होंने ऐसे लोगों से दूरी बनाने के संकेत दिए थे,जो लोग अनावश्यक रूप से प्राधिकरण में प्रतिदिन सुबह से शाम तक मंडराते रहते हैं। बताया जा रहा है कि नये सीईओ ऐसे लोगों के प्राधिकरण में प्रवेश पर सीमित पाबंदी लगाना चाहते हैं। परंतु क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और तथाकथित किसान नेता गाहे-बगाहे प्राधिकरण पहुंच कर बहुत बहुत देर तक सीईओ को घेर कर बैठे रहते हैं। प्रोटोकॉल के तहत अधिकारी को जनप्रतिनिधियों को सम्मान देना अनिवार्य है। उन्हें उठकर जाने के लिए कहना उनके विशेषाधिकार का उल्लंघन माना जाता है। ऐसे में प्राधिकरण के कार्यों और दूर दराज से आने वाले फरियादियों की सुनवाई भी प्रभावित होती है। सूत्रों के अनुसार फिलहाल नये सीईओ इस समस्या से जूझ रहे हैं। हालांकि बीते दिन एक जिला स्तरीय अधिकारी ने सामान्य बातचीत में बताया कि उन्होंने नये सीईओ को जनता के लिए अपने कक्ष को खुला रखने की सलाह दी है
जनप्रतिनिधियों से मुक्त हों तो कुछ करें यीडा के नये सीईओ राकेश कुमार सिंह

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