राजेश बैरागी।किसी प्राधिकरण द्वारा अपने क्षेत्र में सक्रिय भूमाफियाओं की सूची सार्वजनिक करने का संभवतः यह पहला मामला है। नोएडा प्राधिकरण और प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ लोकेश एम को यह हिम्मत दिखाने के लिए शाबाशी दी जानी चाहिए। क्या भूमाफिया केवल नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में ही सक्रिय हैं? नोएडा प्राधिकरण की सूची में ससम्मान स्थान पाने वाले अधिकांश भूमाफिया समान रूप से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में भी सक्रिय हैं।राज्य सरकार और प्राधिकरण की भूमि को विरासत में मिली संपत्ति की भांति उपयोग करने वाले भूमाफियाओं को न कोई भय यहां है और न वहां है। कासना,चिटेहरा,बिरोंडी, मकौड़ा, रामपुर,साकीपुर,तुगलपुर, तुस्याना,हल्दौनी, बिसरख आदि ग्रेटर नोएडा के लगभग सभी गांवों में भूमाफियाओं ने अपनी कुशलता को सिद्ध किया है। नोएडा प्राधिकरण ने तो जारी की गई सूची में गांव के नाम,खसरा संख्या और भूमि पर अवैध कब्जा कर होटल बैंकेट हॉल तक बनाने वाले भूमाफियाओं के नाम उजागर कर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन के लिए भी चुनौती पेश कर दी है। हालांकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लिए सुभीता यह है कि उसे अलग से सूची बनाने में अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ेगा। नोएडा प्राधिकरण द्वारा जारी सूची को ध्यान से देखने पर ग्रेटर नोएडा में सक्रिय भूमाफियाओं के अक्स खुद ब खुद उभर आयेंगे। ये इतने कुशल भूमाफिया हैं कि इन्हें प्राधिकरण बदल जाने से कोई अंतर नहीं पड़ता। प्राधिकरणों के विकास क्षेत्रों की सीमाएं हैं, भूमाफिया सीमाओं के बंधन से परे होते हैं। जैसा नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ लोकेश एम ने कहा है कि जिला प्रशासन से अवैध रूप से प्राधिकरण की भूमि पर मकान, मार्केट, मॉल, बैंकेट हॉल आदि निर्माण करने वाले लोगों को भूमाफिया घोषित कराया जाएगा। पूर्व जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने ऐसे दर्जनों लोगों को भूमाफिया घोषित भी किया था। यह देखना दिलचस्प होगा कि नवनियुक्त जिलाधिकारी मेधा रूपम उस परंपरा को आगे बढ़ाती हैं या भूमाफियाओं और प्राधिकरणों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाएगा।(
नोएडा प्राधिकरण की भूमाफिया सूची:इस जमीं से उस जमीं तक मैं ही मैं हूं

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