राजेश बैरागी।पिछले लगभग तीन महीने से खाली चल रहे मुख्य विधि सलाहकार (सी एल ए) पद पर पहली बार किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त किया जा सकता है। इसके लिए जिला न्यायालय गौतमबुद्धनगर में प्रधान न्यायाधीश पद पर कार्यरत रहे एक न्यायिक अधिकारी समेत कई लोग प्रयासरत बताए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नोएडा प्राधिकरण का अत्यंत महत्वपूर्ण मुख्य विधि सलाहकार पद पिछले तीन महीने से रिक्त चल रहा है। इस पद पर लगभग तीन वर्ष तक कार्यरत रहे न्यायिक अधिकारी रविन्द्र प्रसाद गुप्ता के लखनऊ स्थानान्तरण के बाद अभी तक किसी को नियुक्त नहीं किया गया है। रविन्द्र प्रसाद गुप्ता का कार्यकाल काफी अच्छा रहा। उन्होंने न केवल प्राधिकरण के विरुद्ध स्थानीय अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में चल रहे विभिन्न मुकदमों में प्रभावी पैरवी कराई बल्कि सदैव प्राधिकरण हितों की रक्षा की।अब इस पद पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त करने की तैयारी की जा रही है। इसके पीछे दो कारण माने जा रहे हैं। एक तो प्राधिकरणों में उच्च न्यायालय आसानी से न्यायिक अधिकारियों को भेजता नहीं है। दूसरे नियुक्ति पाने वाले सेवारत न्यायिक अधिकारी अपनी हनक के साथ रहते हैं और प्राधिकरण अधिकारियों के स्याह सफेद कार्यों को आसानी से कानूनी जामा पहनाने को तैयार नहीं होते।संभवतः इन्हीं कारणों से सेवानिवृत्त न्यायाधीश को सी एल ए बनाने पर विचार किया जा रहा है।इसकी भनक लगते ही जनपद में तैनात रहे एक जिला जज स्तरीय न्यायिक अधिकारी समेत कई न्यायिक अधिकारियों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है।(
नोएडा प्राधिकरण में सेवानिवृत्त न्यायाधीश को मुख्य विधि सलाहकार बनाने की तैयारी!

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