राजेश बैरागी।यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) अपने ऐसे औद्योगिक भूखंड आवंटियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है जो निर्धारित समय सीमा के भीतर भूखंड पर न तो निर्माण कर रहे हैं और न उनका इरादा फैक्ट्री चलाने का ही लग रहा है।इस कार्रवाई की जद में सबसे पहले अपैरल पार्क के आवंटियों को लाया जा सकता है।इस क्लस्टर के कुछ आवंटियों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से भूखंड बेच देने का मामला उजागर हुआ है।
यीडा द्वारा ऐसे औद्योगिक भूखंड आवंटियों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है जिनपर औद्योगिक इकाइ न लगाकर केवल पैसा बढ़ाने के लिए भूखंड आवंटित कराने का संदेह है। ऐसे आवंटी लीज डीड न कराने से लेकर कोई निर्माण शुरू न करने तथा इकाइ स्थापित करने में भी कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। इनमें सेक्टर 29 में बनाए गए अपैरल औद्योगिक पार्क में नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर (एन ए इ सी) के 82 सदस्यों को आवंटित भूखंड खास निशाने पर बताए जाते हैं। बताया गया है कि इनमें से कुछ आवंटियों द्वारा अपने भूखंड नियम विरुद्ध तरीके से बेच दिए गए हैं।गत दिनों प्राधिकरण के अध्यक्ष व प्रमुख सचिव उद्योग आलोक कुमार ने इस सेक्टर का दौरा कर इकाइ न लगाने वाले लोगों के भूखंड निरस्त करने का आदेश दिया था।
यमुना प्राधिकरण द्वारा पिछले वर्षों में कम से कम 11 औद्योगिक क्लस्टरों की रचना की गई है। निवर्तमान सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने इन क्लस्टर्स में तेजी से औद्योगिक गतिविधियों को शुरू कराने के लिए यथासंभव प्रयास किए गए थे। इसके बावजूद अनेक लोगों ने भूखंड हासिल करने के बाद उसपर औद्योगिक इकाइ लगाने का कोई प्रयास नहीं किया है। इससे प्राधिकरण के औद्योगिक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफलता नहीं मिल रही है।नये सीईओ राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर ऐसे आवंटियों को चेतावनी नोटिस भेजे जा रहे हैं
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