राजेश बैरागी।यह चित्र गोल्डन सिटी नोएडा के सेक्टर 71 में प्राधिकरण द्वारा निर्मित निम्न आय वर्ग भवनों का है। चित्र दिखा रहा है कि भवनों के आगे सड़क पर बरसात के कारण जल सैलाब आया हुआ है। क्या भवनों के भीतर भी ऐसा है? दरअसल इन भवनों में पिछले कई दिनों से ना के बराबर जलापूर्ति हो रही है। यहां के निवासी नहाने की छोड़िए धोने के लिए भी पानी हासिल नहीं कर पा रहे हैं। प्राधिकरण के जल विभाग को निरंतर संपर्क करने के बावजूद स्थिति जस की तस है। प्राधिकरण का हेल्पलाइन नंबर कोई हेल्प कर पाने में असमर्थ है और शिकायत निवारण सेल जलापूर्ति के समक्ष घुटने टेक रहा है। सेक्टर 71 ईडब्ल्यूएस भवन आरडब्ल्यूए अध्यक्ष संजय शुक्ला ने बताया कि लोग पीने के पानी के लिए तो बोतलबंद पानी पर निर्भर हैं ही, दिनचर्या के कार्यों के लिए पानी कहां से लाएं। प्राधिकरण का जल विभाग पानी की आपूर्ति के लिए टैंकर भी उपलब्ध नहीं करा रहा है।एक अन्य जागरूक नागरिक अजय गुप्ता ने कहा कि ऊपरी स्वच्छता में गोल्ड मेडल हासिल करना आसान और फायदे का काम है जबकि वास्तव में नागरिक सुविधाओं की व्यवस्था करना मुश्किल काम है।जल खंड-2 के प्रभारी वरिष्ठ प्रबंधक पी सी सेन ने नेक दृष्टि को बताया कि गंगनहर में सफाई के चलते गंगाजल की आपूर्ति बंद है। इस कारण पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पा रही है।जल विभाग के महाप्रबंधक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने नेक दृष्टि के साथ बातचीत में बताया कि बरसात से जल स्तर में बहुत अंतर नहीं आता है। यदि अंतर आता भी है तो उसका पता सितंबर में चलता है। उन्होंने बताया कि शहर में लगभग दर्जन भर बड़े आकार के तालाब बनाने की आवश्यकता है क्योंकि सभी जगह पक्की सतह होने से बरसात का पानी बह जाता है। तालाबों को निरंतर सीवरेज के शोधित जल से भरा जा सकता है जो शहर के जलस्तर को बढ़ाने व नियमित रखने में मददगार होगा। बहरहाल स्वच्छता के मामले में गोल्डन सिटी अवार्ड से सम्मानित नोएडा शहर फिलहाल सड़कों पर जलभराव होने और घरों में जलापूर्ति न होने की परस्पर विरोधी समस्याओं से पीड़ित है और अगले स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने की तैयारियां धूमधाम से शुरू हो चुकी हैं
गोल्डन सिटी नोएडा:सड़क पर जल सैलाब,नल से पानी गायब

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