क्या यह मामला ओवररेटिंग से जुड़ा है – राजेश बैरागी

राजेश बैरागी I नये वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लॉटरी से आवंटित किए गए शराब के ठेकों का मामला अभी तक जम नहीं पाया है। कहीं दुकान नहीं मिल रही तो कहीं दुकानदार की योग्यता आड़े आ रही है। नोएडा मेट्रो रेल के सेक्टर 145 स्टेशन परिसर में शराब की प्रीमियम शॉप खोलने की अनुमति एन एम आर सी नहीं दे रहा है और दुकानदार सभी तैयारियां करने के बावजूद भटक रहा है। बताया गया है कि नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने अपने स्टेशन परिसर में शराब की दुकान खोलने की कोई नीति ही नहीं बनाई है। नीति यानि पॉलिसी एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसे सरकारी व्यवस्था के अस्तित्व में आने से अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। बहरहाल मामला नये और पुराने शराब ठेकेदारों पर आकर अटक गया है।जो पुराने ठेकेदार किस्मत से नयी लॉटरी नीति में भी शराब की दुकानें पाने में सफल रहे, उनकी ओवररेटिंग पर शराब बेचने की आदत नहीं छूट रही है। हालांकि आमतौर पर नशा खरीदने निकले व्यक्ति पर ओवररेटिंग मैटर नहीं करती परंतु वहां भी कुछ हिसाब गीर पहुंच कर दस बीस रुपए फालतू लेने पर हंगामा खड़ा करने लगते हैं। पत्रकार होने के बावजूद किसी आबकारी निरीक्षक का मोबाइल नंबर मुझे पता नहीं है और शराब खरीदने वाले तत्काल फोन मिलाकर आबकारी विभाग की नींद हराम कर देते हैं। सूचना सब सही होती हैं परंतु मानता कौन है। वर्षों से शराब के धंधे में लगे सेल्समैन ग्राहक को सबक सिखाने से लेकर आबकारी अधिकारी तक से भिड़ने को तैयार रहते हैं।

दो दिन पहले ग्रेटर नोएडा की एक शराब की दुकान पर ऐसा ही हुआ। ओवररेटिंग की शिकायत पर पहुंचे आबकारी अधिकारी को लेने के देने पड़ रहे हैं। कहा जाता है कि पाप कभी किया गया हो, भुगतना तो पड़ता है। ओवररेटिंग के लिए केवल शराब दुकानदार ही जिम्मेदार नहीं होता है, व्यवस्था भी जिम्मेदार होती है।आज न सही कभी तो साथ दिया ही गया था। वर्षों पहले ओवररेटिंग पर पूछे गए एक प्रश्न पर तत्कालीन आबकारी अधिकारी ने मुझसे कहा था,-आप मेरी कुर्सी पर बैठकर यह प्रश्न पूछना पसंद नहीं करेंगे।’ यह समय बसपा की मायावती सरकार के पूर्ण बहुमत का था।निजाम बदलता है तो भी सबकुछ नहीं बदलता। शराब की ओवररेटिंग पर सवाल उठाने वाले बेवकूफ हैं। शराब की तो सारी कीमत ही ओवररेट होती है। इस देश में दूध, चीनी,तेल,आटे की कीमत पर सवाल उठाए जाने चाहिएं।किसान को उसकी उपज की मिलने वाली कीमत पर सवाल उठने चाहिएं। क्या मजाक है कि शराब पर ओवररेटिंग की तोहमत लगाई जा रही है। यह कौन सी ऐसी जरूरी चीज है जिसके बगैर जीवन नहीं चलता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *