मुख्य सचिव के सेवा विस्तार को केंद्र को चिट्ठी, क्या मंत्री नंदी से सुलह हो गई?

राजेश बैरागी।क्या योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के बीच चल रहे कथित शीतयुद्ध में सीजफायर हो गया है? पिछले दिनों मंत्री के द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोपों के तत्काल बाद कुछ अधिकारियों के लंबित तबादले होने और मुख्य सचिव के सेवा विस्तार के लिए राज्य सरकार की केंद्र सरकार को लिखी गई बेहद प्रभावशाली चिट्ठी की घटनाओं में क्या कोई अंतर्संबंध है?
दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वर्तमान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को लगातार पद पर बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखकर उन्हें एक वर्ष का सेवा विस्तार देने का अनुरोध किया है। मनोज कुमार सिंह आगामी 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।वो योगी आदित्यनाथ के करीब तो नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ उनका 36 का आंकड़ा माना जाता है। पिछले दिनों उन्होंने परोक्ष रूप से मुख्य सचिव पर मनमानी करने तथा नौकरशाही में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी लिखकर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में तूफान खड़ा कर दिया था। इसके पीछे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में अंतर प्राधिकरण तबादलों की सूची जारी न होने को लेकर मंत्री महोदय की नाराज़गी बताई जाती है। इस बीच सेवानिवृत्त होने जा रहे मुख्य सचिव के सेवा विस्तार का प्रस्ताव भी भेजा जाना था। मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को केंद्र के खेमे से माना जाता है। आखिरकार मंत्री की तबादला सूची के कुछ लोगों के तबादले कर दिए गए। इसके बाद ही राज्य सरकार ने केंद्र को मुख्य सचिव के सेवा विस्तार की चिट्ठी लिखी। चिट्ठी में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को कर्तव्यनिष्ठ बताने के साथ साथ राज्य को 10 खरब की अर्थव्यवस्था बनाने का मुख्य रचनाकार भी बताया गया है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्य सचिव को केंद्र सरकार से सेवा विस्तार मिल पाता है या नहीं। यदि सेवा विस्तार पर केंद्र की मुहर लगी तो माना जाएगा कि मंत्री और मुख्य सचिव के बीच स्थाई सीजफायर हो गया है। यदि ऐसा नहीं होता है तो मुख्य सचिव तो केवल निवर्तमान होंगे, राज्य की योगी सरकार और उसके एक मंत्री के बीच फायरिंग में तेजी भी आ सकती है

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