जहां जहां अतिक्रमण और अवैध कब्जा वहां वहां किसान यूनियन !

राजेश बैरागी।महात्मा टिकैत ने 1986 में जिस संगठन भारतीय किसान यूनियन की नींव किसानों के हितों की रक्षा के लिए रखी थी,उस संगठन ने अब सड़कों पर रेहड़ी पटरी से लेकर प्राधिकरणों की अधिसूचित और अधिग्रहित भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनी बसा रहे भूमाफियाओं तक के हितों की रक्षा का भार अपने कंधों पर उठा लिया है। भाकियू के नाम पर जनपद गौतमबुद्धनगर में चल रहे लगभग साढ़े चार दर्जन तथाकथित किसान संगठन प्राधिकरणों के रोजमर्रा के कामकाज के लिए चुनौती बन गए हैं।
आज मंगलवार को ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमिक्रोन -1 की सड़क पर लगने वाली रेहड़ी पटरी को हटाने गए प्राधिकरण के दस्ते को भाकियू के कार्यकर्ताओं ने रोक दिया। यहां रेहड़ी पटरी लगने से सड़क पर आवागमन बाधित होता है और गंदगी भी फैलती है। प्राधिकरण दस्ते के पहुंचने पर मौके पर संगठन के लोग भी पहुंच गए और धरने पर भी बैठ गये। पुलिस भी मौके पर पहुंची परंतु भाकियू कार्यकर्ताओं ने उसकी भी कोई परवाह नहीं की। धरने पर बैठे भाकियू के स्थानीय अध्यक्ष मनोज मावी व अनित भाटी ने बताया कि संगठन किसान मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए बना है। रेहड़ी पटरी दुकानदार संगठन के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि इस जनपद में किसान कम बचे हैं इसलिए रेहड़ी पटरी दुकानदारों व मजदूरों को जोड़कर संगठन चलाया जा रहा है। नेक दृष्टि को मिली एक रसीद पर तौफीक नामक व्यक्ति का नाम लिखा है और उससे 100/- रुपए लेकर सदस्यता दी गई है। तौफीक रेहड़ी पटरी दुकानदार बताया गया है। उधर प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोग रेहड़ी पटरी लगवाने के अवैध धंधे में शामिल हैं। ये लोग एक से दो लाख रुपए प्रतिमाह उगाही करते हैं और जब प्राधिकरण शहर को साफ सुथरा तथा अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रयास करता है तो किसान संगठन के नाम पर वही लोग धरना प्रदर्शन करने पहुंच जाते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों दादरी के आमका गांव में अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त करने पहुंची प्राधिकरण की टीम के साथ तथाकथित किसान संगठन के लोगों द्वारा पुलिस की उपस्थिति में धक्का मुक्की कर भगा दिया गया था।वही लोग बीते कल नवनियुक्त जिलाधिकारी मेधा रूपम का स्वागत करने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट में देखे गए।भाकियू के नाम पर चल रहे लगभग पचपन संगठनों में आपस में भी कोई समन्वय नहीं है। ऐसे ही एक अनाम से संगठन के लोगों ने कल यमुना प्राधिकरण पहुंचकर अधिकारियों से यमुना एक्सप्रेस-वे टोल पर उनके वाहनों को फ्री कराने की मांग की।(

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