भारी मात्रा में गांजा आदि पकड़ने के बावजूद जनपद में जारी है नशीले पदार्थों का अवैध धंधा
राजेश बैरागी।क्या जनपद गौतमबुद्धनगर नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार की गिरफ्त में है? इसके साथ ही एक बड़ा प्रश्न यह है कि क्या गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस बड़े गांजा तस्करों को निरंतर गिरफ्तार करने के बावजूद कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के आसपास से लेकर गली मुहल्लों तक में गांजा जैसे नशीले पदार्थ बेचने वाले छोटे विक्रेताओं को पकड़ने में असफल साबित हो रही है? कमिश्नरेट पुलिस द्वारा पिछले चार महीनों में पांच क्विंटल से अधिक गांजा और हजारों लीटर अवैध शराब पकड़े जाने के बावजूद बदनाम स्थलों से नशीले पदार्थों की बिक्री बंद नहीं हुई है।
गत फरवरी माह से अब तक कमिश्नरेट पुलिस द्वारा पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में लगभग साढ़े पांच क्विंटल गांजा विभिन्न थाना क्षेत्रों में पकड़ा गया है। इस गांजे को जनपद में उड़ीसा कोलकाता आदि स्थानों से लाया गया था। गांजा लाकर यहां छोटे विक्रेताओं को आपूर्ति करने वाले कुल 104 लोग पकड़े गए हैं। एक हजार लीटर अवैध शराब के साथ पकड़े गए दो दर्जन से अधिक लोग गांजा तस्करों के अतिरिक्त हैं। यहां कई किस्म का गांजा तस्करों द्वारा लाया जाता है। इसमें ओजी,ओरेंजी, मेंगो आदि किस्म के गांजा शामिल हैं जो पुलिस द्वारा बरामद किए गए हैं। लगातार बड़े तस्करों और बड़ी बड़ी मात्रा में गांजा,एमडीएमए टेबलेट तथा अवैध शराब की खेप पकड़े जाने के बावजूद नोएडा ग्रेटर नोएडा में चिन्हित बदनाम स्थलों पर गांजा आदि नियमित रूप से बेचा जा रहा है। खासतौर पर ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क क्षेत्र में, कासना में तथा ग्रेटर नोएडा के कई गोलचक्करों पर खुलेआम गांजे का अवैध व्यापार होता है। पिछले चार महीनों में कमिश्नरेट पुलिस द्वारा 85 कार्रवाइयों में 104 गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे 539.30 किलोग्राम गांजा,बीस लाख रुपए कीमत की बेहद नशीली एमडीएमए टेबलेट बरामद हुई हैं। इस 2 जून को थाना फेस-2 नोएडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार पांच लोगों और 5 जून को हिमाचल से गिरफ्तार किए गए उनके छठे साथी से पुलिस ने भिन्न-भिन्न किस्म का कुल 36.5 किलोग्राम गांजा बरामद किया था। स्वयं पुलिस का मानना है कि ये लोग गौतमबुद्धनगर में छोटे छोटे फुटकर दुकानदारों को नशीले पदार्थों की आपूर्ति करते हैं जो फिर स्कूल कॉलेजों के छात्रों तक पहुंचता है। कमिश्नरेट पुलिस द्वारा की जा रही यह धर पकड़ निस्संदेह प्रशंसा के योग्य है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा भी अमूमन प्रतिमाह नारकोटिक्स विभाग की बैठक आयोजित कर नशीले पदार्थों की रोकथाम का प्रयास करते हैं। परंतु ग्रेटर नोएडा और नोएडा के चिन्हित बदनाम स्थलों यथा तुगलपुर मार्केट, कासना,ऐछर, नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के कई गांवों आदि स्थानों पर गांजा जैसे नशीले पदार्थों की फुटकर बिक्री पर अंकुश नहीं लग पाया है। ग्रेटर नोएडा में हजारों की संख्या में रह रहे नाइजीरियाई नागरिकों के भी नशीले पदार्थों की तस्करी में लिप्त होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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